How to Learn Computer in Hindi

How to Learn Computer in Hindi
आप कंप्यूटर सीखना तो चाहते है लेकिन हिंदी में नेट पे बहुत कम लेख उपलब्ध होने के कारण सीख नहीं पा रहे है तो.....

फेसबुक को बनाएं सेफबुक

Posted By: Dharmendra Goyal - 2:46 pm
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। यह बात तब और सही साबित हो जाती है जब आप इंफर्मेशन के सबसे बड़े हाइवे यानी इंटरनेट पर हों। फिर चाहे बात फेसबुक

पर सोशल नेटवर्किंग की हो या फिर फुटबॉल वर्ल्ड कप की दीवानगी की। आज आपको बताएंगे कि फेसबुक पर सेफ और सिक्योर्ड कैसे रहें? हम आपको यह भी बताएंगे कि फुटबॉल के नाम पर ठगने की कोशिश में जुटे साइबर गुंडों को आप कैसे दिखा सकते हैं रेड कार्ड? पूरी जानकारी दे रहे हैं आशीष पांडे : 

फेसबुक पर ढक लो फेस 
आपके ऐसे कितने दोस्त हैं, जिनसे मिलते ही आप उन्हें अपना फैमिली अलबम दिखाने लगते हैं? या कितने पहचान वाले ऐसे हैं जिनके साथ आप पर्सनल या प्रफेशनल लाइफ के सीक्रेट शेयर करने लगते हैं? रीयल लाइफ में गिनेंगे तो इनकी तादाद काफी कम होगी, लेकिन वर्चुअल लाइफ में इसका एकदम उलटा हो रहा है। खासकर फेसबुक जैसी साइट पर दोस्त बनाने के मामले में हम दिल खोलकर फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करते हैं लेकिन भूल जाते हैं कि यहां हम अपनी तस्वीरों से लेकर कई निजी राज तक शेयर कर रहे हैं और कई ऐसे अनजान लोग भी हमारे दोस्त बन चुके हैं जिन्हें हम बस नाम या चेहरे से ही जानते हैं। 

दरअसल, फेसबुक पर कोई जानकार दोस्ती की रिक्वेस्ट भेजे तो उसे रिजेक्ट करना भी अजीब लगता है क्योंकि सोशल नेटवर्किंग की साइट में ऐसा करने का उलटा ही असर न हो जाए। फेसबुक में इस उलझन का हल है और कई प्राइवेसी टूल दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप कंट्रोल कर सकते हैं कि कौन आपकी तस्वीरें देखें, कौन आपके कॉमेंट्स पढ़े और किन लोगों तक आपके स्टेटस मेसेज पहुंचें। हालांकि कई यूजर्स इनसे वाकिफ हैं, फिर भी एक बड़ा वर्ग ऐसे यूजर्स का है जो इनके बारे में कम जानता है। 

सबसे पहले ऐसे टूल, जिनकी मदद से आप अपनी पोस्ट, फोटो, कॉमेंट्स, स्टेटस, दूसरों के कॉमेंट्स तक अपनी फ्रेंड लिस्ट में मौजूद कुछ लोगों से छिपा सकते हैं। ऐसा करने से आपको उन लोगों से प्राइवेसी मिलेगी, जिन्हें मजबूरी में आपने दोस्त तो बना लिया, लेकिन आप उनके साथ कुछ शेयर नहीं करना चाहते। इसके लिए अपने फेसबुक पेज के सबसे राइट में जाएं, जहां अकाउंट लिखा है। इस पर क्लिक करने पर कई ऑप्शन आते हैं। इनमें से प्राइवेसी सेटिंग का ऑप्शन चुनें। इस पर क्लिक करेंगे तो एक पेज आएगा, जिसमें लिखा होगा शेयरिंग ऑन फेसबुक। यहां आपके पास कई ऑप्शन हैं जिनकी मदद से आप तय कर सकते हैं कि फेसबुक पर आपके स्टेटस, पोस्ट, कॉमेंट व तमाम दूसरी जानकारी कौन-कौन देख सकता है - दोस्त, दोस्तों के दोस्त, हर कोई या अन्य। 

इसकी मदद से आप बेसिक प्राइवेसी कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन सारी जानकारी को कुछ खास दोस्तों के बीच भी सेंसर करना है, तो इस पर नीचे लेफ्ट की तरफ एक लिंक दिया है कस्टमाइज सेटिंग्स। इस पर क्लिक करें। इसके बाद आपके पास एक लंबी लिस्ट आ जाएगी, जिसमें वे सभी ऐक्टिविटी दी हैं जो आप करते है, मसलन स्टेटस, फोटो, कॉमेंट्स, फोटो टैगिंग और अन्य। अब आप यहां सेट कर सकते हैं कि कौन इसे देखे। मसलन आपकी पोस्ट को कौन देखे या कॉमेंट कर सके इसके लिए सेटिंग तय करते वक्त, फ्रेंड्स, फ्रेंड्स ऑफ फ्रेंड्स और एवरिवन के अलावा एक ऑप्शन मिलेगा कस्टमाइज सेटिंग, इस पर आप अपनी फ्रेंड लिस्ट में से किसी का भी नाम डालेंगे तो वह बैन हो जाएगा। यह सेटिंग आप अपनी किसी भी ऐक्टिविटी के लिए कर सकते हैं और मजबूरी में बना दोस्त आपका फेस भी फेसबुक में नहीं देख पाएगा। 

कुछ और काम की बातें 
फेसबुक पर कई ठग भी मौजूद हैं, जो आपकी पर्सनल जानकारी चुराकर उसका मिसयूज करना चाहते हैं। इनका फेवरिट तरीका होता है फेक प्रोफाइल बनाकर आप तक दोस्ती का हाथ बढ़ाना। ऐसे लोगों से बचने के लिए चौकस रहने की जरूरत है क्योंकि कई बार ये आपके दोस्तों के प्रोफाइल में जाकर उनकी फोटो चुराकर और बाकी डीटेल कॉपी कर उनके नाम से प्रोफाइल बना सकते हैं और आपको इनवाइट भेज सकते हैं। ऐसे में किसी दोस्त के प्रोफाइल पर थोड़ा भी शक है तो क्रॉस चेक कर लें। 

फेसबुक पर मौजूद हर प्रोफाइल गूगल सर्च किया जा सकता है और यह साइबर गुंडों को आप तक पहुंचने का आसान रास्ता देता है। इसे भी आप रोक सकते हैं। फेसबुक में ऐसा बटन दिया गया है जिसकी मदद से गूगल सर्च को रोका जा सकता है। इसके लिए प्राइवेसी कंट्रोल में जाकर फेसबुक सर्च रिजल्ट में जाकर ओनली फ्रेंड्स का ऑप्शन क्लिक कर दें। पब्लिक सर्च ऑप्शन को भी डी-सेलेक्ट करना न भूलें। 

जानकार आगाह करते हैं कि कभी अपनी पूरी डेट ऑफ बर्थ को प्रोफाइल में न डालें, बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड से जुड़े हैकर्स के लिए यह काम की साबित हो सकती है। आप प्रोफाइल पेज पर जाकर इंफो टैब में क्लिक करें। यहां एडिट इंफर्मेशन टूल की मदद से आप यह तय कर सकते हैं कि लोगों को सिर्फ दिन और महीना दिखे, जन्म का साल नहीं। 

फटबॉल के वायरस 
आईपीएल हो या फीफा वर्ल्ड कप, ऐसे बड़े मौके साइबर गुंडों के लिए बेहतरीन साबित होते हैं। दरअसल इन दिनों लोग खेल से जुड़े रोमांच में डूबकर ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए नेट एक्सेस करते हैं और हैकर्स उन्हें बेवकूफ बनाने के टूल तैयार कर लेते हैं। 

एंटी-वायरस कंपनी ट्रेंड माइक्रो ने आगाह किया है इस वक्त रिस्क काफी ज्यादा है इसलिए फीफा वर्ल्ड कप के नाम से आ रही जानकारी पर सचेत रहें। ट्रेंड माइक्रो के कंट्री मैनेजर (इंडिया एंड सार्क) अमित नाथ ने बताया कि फीफा के नाम से पहले स्पैम की पड़ताल पिछले साल 2009 से ही हो चुकी है। हमारे रिसर्चर ने अब आगाह किया है कि पीडीएफ फाइल वाला एक अटैचमेंट चल रहा है जिसमें लॉटरी जीतने का दावा किया गया है। इसमें लोगों से उनकी पर्सनल जानकारी मांगी जाती है। इसे फीफा के वाइस प्रेजिडेंट के नाम से भेजा जा रहा है जबकि यह फ्रॉड है। इसमें कहा गया है कि साउथ अफ्रीकन फुटबॉल असोसिएशन ने यह लॉटरी निकाली है। 

जानकार आगाह करते हैं कि और भी कई तरह के स्पैम अटैक हो रहे हैं। दरअसल लोग मैच के विडियो लिंक खोज रहे हैं और इसी के नाम पर फर्जी नाम से गेम कर रहे हैं। सिमेंटैक की एक रिसर्च के मुताबिक फीफा पर आधारित स्पैम में 27 फीसदी का जोरदार इजाफा हुआ है। कई साइट्स खिलाड़ियों और देशों की टी-शर्ट बेचने के नाम पर धोखा कर रही हैं। इनमें ऑर्डर लेने के दौरान आपसे जो डीटेल ली जाती हैं, वहां भरपूर सिक्युरिटी नहीं होती और इसे चुरा लिया जाता है। 

पता करें कि वेबसाइट के पास वेरीसाइन या किसी दूसरी एजेंसी का सिक्युरिटी सर्टिफिकेट है या नहीं। किसी भी ऐरी-गैरी साइट से तो शॉपिंग कभी न करें। इसके अलावा एक और वायरस फुटबॉल के नाम पर चल रहा है जिसमें एक्सेल शीट में वर्ल्ड कप का पूरा शिड्यूल दिया गया है। इसे क्लिक करने पर आपको शिड्यूल तो मिलता है लेकिन एक टेम्प फाइल आपके पीसी में घुस जाती है और हैकर को आपके कंप्यूटर का कंट्रोल दे देती है। इसलिए किसी भी गैरजानकार सोर्स से आ रही फुटबॉल से जुड़ी संदिग्ध मेल को इस्तेमाल न करने में ही समझदारी है।

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