How to Learn Computer in Hindi

How to Learn Computer in Hindi
आप कंप्यूटर सीखना तो चाहते है लेकिन हिंदी में नेट पे बहुत कम लेख उपलब्ध होने के कारण सीख नहीं पा रहे है तो.....

रुपये का सिम्बल डाऊनलोड कीजिये

Posted By: Dharmendra Goyal - 6:14 pm

Rupee Font Version 3.0


Steps
  • Download the above file.
  • Extract the files. (You will need winrar or 7zip installed in your PC to extract the files)
  • Double click on the Rupee_Font_Installer.exe
  • Click on "Install" button
  • Done. :)
Whats new ?
  • Glyph of the rupee symbol simplified
  • Overlapping problem of horizontal lines while font size 10 fixed
  • Auto installer for windows integrated
रूपये का Version 2.0 सिम्बल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करे !
रूपये का Version 3.0 सिम्बल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करे !

स्पैम और जंक मेल्स

Posted By: Dharmendra Goyal - 7:34 pm
स्पैम और जंक मेल्स फैलाने वाले देशों की लिस्ट में भारत का स्थान दूसरा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो भारत में बढ़ते इंटरनेट यूजर्स देश को स्पैम फैलाने वाले देशों की लिस्ट में नंबर वन पर पहुंचा देंगे। 
पिछले दिनों एक कंपनी के सर्वे में पाया गया कि सबसे ज्यादा जंक और स्पैम मेल्स जनरेट करने वाले देशों में हमारा नंबर दूसरा है। यानी हम, आप सब जमकर स्पैम मेल भेजते रहते हैं। दुनिया भर के बिजनेस कम्यूनिकेशन में से 97 पर्सेंट स्पैम होता है और भारत इसमें से 7.3 फीसदी स्पैम के लिए जिम्मेदार है। 

साइबर कम्यूनिकेशन कंसलटेंट  इस परेशानी को कुछ अलग नजरिए से देखते हैं। वह कहते हैं, 'स्पैम मेल के मामले में हमारे देश के दूसरे स्थान पर पहुंचने से परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, यह इस बात का संकेत है कि हमारे देश में बड़ी संख्या में लोग टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करने लगे हैं।' 

इस प्रॉब्लम से निजात पाने का तरीका पूछने पर वह बताते हैं, 'अगर आपने अपने सिस्टम में एंटी वायरस लगा रखा है, तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आप सिर्फ माउस से क्लिक करके सभी गैर जरूरतमंद मेल्स को डिलीट कर सकते हैं।'

टचस्क्रीन कियॉस्क : Intel

Posted By: Dharmendra Goyal - 4:52 pm
ऑनलाइन शॉपिंग को आसान बनाने के लिए इंटेल कॉपरेरेशन ने एक टचस्क्रीन कियॉस्क बनाया है। यह मशीन आपको प्रोडक्ट की सूची, खासियतें और रिटेल स्टोर की जानकारी देगी। इसके बाद आप अपनी पसंद के प्रोडक्ट का चुनाव कर कार्ड या सेलफोन के जरिए भुगतान कर सकेंगे। 

कियॉस्क पर आपको कई ऐसे प्रोडक्ट के बारे में भी जानकारी मिलेगी, जो हाल में पेश किए गए हैं। यह कियॉस्क यूजर को प्रोडक्ट के गुण-दोषों का आकलन कर अपना सुझाव भी देता है। इंटेल ने अपने मशहूर कोर-टू-ड्यो प्रोसेसर की मदद से इस कियोस्क को बनाया है। शॉपिंग मॉल या डिपार्टमेंटल स्टोर में यह कैश रजिस्टर का भी काम कर सकता है।

आईपीवी 6 वर्जन लाना होगा

Posted By: Dharmendra Goyal - 4:48 pm
वेबसाइटों के लिए सुरक्षित आईपी एड्रेस बुक 94 फीसदी भर चुका है। इसके चलते जल्द ही एक नए इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन (आईपीवी) 4 में नए आईपी एड्रेस के लिए 32 बिट के नंबर सिस्टम का प्रयोग होता है। इससे चार अरब कॉम्बिनेशंस तैयार किए जा सकते हैं। 

इसके भर जाने पर तकनीशियनों को आईपीवी 6 वर्जन लाना होगा। यह 126 बिट का होगा, जिससे कॉम्बिनेशंस की संख्या भी बढ़ जाएगी। अमेरिकन रजिस्ट्री फॉर इंटरनेट नंबर्स के मुख्य कार्यकारी जॉन करेन के अनुसार, नए आईपीवी 6 को अपनाने के लिए दुनियाभर के देशों को राजी करना एक बड़ी चुनौती है।

ओलिव पैड : India's First 3G tablet

Posted By: Dharmendra Goyal - 3:20 pm
नेटबुक और मोबाइल बाजार में मौजूद कंपनी ओलिव ने आई-पैड जैसा अपना प्रॉडक्ट ओलिव पैड लॉन्च किया है। यह भारत की पहली 3जी टैब्लेट डिवाइस है। खास बात यह है कि इस डिवाइस से आप विडियो और वॉइस कॉल भी कर सकते हैं, जोकि आई-पैड से मुमकिन नहीं है। हालांकि पूरी तरह से इसकी तुलना आई-पैड से करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के मामले में एपल के आगे बड़ी नामी कंपनियां भी टिक नहीं पातीं लेकिन ओलिव पैड की हमने जो शुरुआती झलक देखी, उसमें टचस्क्रीन समेत बाकी फीचर बुरे नहीं थे। कंपनी का कहना है कि इसके दाम 25 हजार से कम रेंज में रखे जाएंगे। 

7 इंच स्क्रीन साइज वाली इस डिवाइस के लुक आई-पैड (स्क्रीन साइज 9.7 इंच) जैसे तो नहीं है लेकिन इसे कूल कहा जा सकता है। इसे आप टच नोटबुक के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। ओलिव पैड में एंड्रॉयड 2.1 वर्जन को ऑपरेटिंग सिस्टम के तौर पर रखा गया है। 

अक्टूबर के दौरान यह एंड्रॉयड 2.2 में अपग्रेडेबल होगा। इसके अलावा इसमें दो कैमरे हैं, बैक कैमरा 3 मेगापिक्सल का और विडियो कॉल के लिए फ्रंट कैमरा वीजीए। आप इसे वाई-फाई से कनेक्ट करके भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें इंटरनेट सर्फिंग, ई-बुक्स, विडियो गेम्स और म्यूजिक के लिए अच्छे फीचर हैं। जब तक 3जी नहीं आती, तब तक आप EDGE (2.5जी) और वाई-फाई से इसे कनेक्ट कर सकते हैं। 

जीपीएस से लैस इस डिवाइस को नेविगेशन के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें आपको फ्लैश सपोर्ट मिलेगा और यूएसबी पोर्ट भी दिए गए हैं। इसकी इनबिल्ट मेमरी 512 एमबी है और एक्सटेंडबल कार्ड से मेमरी 32 जीबी तक बढ़ाई जा सकती है। ओलिव पैड अगस्त से बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। किसी नेटवर्क की बंदिश नहीं है।

इंटेल के कोर आई 7, कोर आई 5 और कोर आई 3 प्रॉसेसर में क्या अंतर है?

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:48 pm
कोर आई 7 

  • यह प्रॉसेसर 2008 में आया। 
  • हाइपर थ्रेडिंग को सपोर्ट करता है। 
  • बिल्ट इन मेमरी कंट्रोलर, ट्रिपल चैनल 
  • टर्बो मोड उपलब्ध है। 
  • ऑन चिप विडियो प्रॉसेसर मौजूद नहीं है। 
  • कम पावर इफिशिएंट है। 
  • स्पीड बहुत अच्छी देता है, लेकिन बहुत महंगा है। इसे केवल खास मकसदों के लिए ही यूज किया जाता है। 
कोर आई 5 

  • इसे 2009 में लॉन्च किया गया। 
  • हाइपर थ्रेडिंग को सपोर्ट नहीं करता। 
  • बिल्ट इन मेमरी कंट्रोलर, ड्यूअल चैनल 
  • बड़ा टर्बोमोड मौजूद है। 
  • ऑन चिप विडियो प्रॉसेसर कुछ मॉडल्स में उपलब्ध। 
  • ज्यादा पावर इफिशिएंट। 
  • पावर इफिशिएंट होने की वजह से कम खर्चीला। 
  • गेमिंग, सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट और मिड लेवल प्रफेशनल कामों के लिए यूज किया जा सकता है। 
कोर आई 3 

  • इसे 2010 में लॉन्च किया गया। 
  • बिल्ट इन मेमरी कंट्रोलर मौजूद नहीं है। 
  • टर्बोमोड भी नहीं है। 
  • ऑन चिप विडियो प्रॉसेसर सभी मॉडल्स में उपलब्ध है। 
  • बहुत ज्यादा पावर इफिशिएंट है। 
  • एंट्री लेवल बेसिक कंप्यूटिंग में यूज किया जा सकता है। 
हाइपर थेडिंग : 

  • यह फीचर थ्री डी सॉफ्टवेयर, एनिमेशन सॉफ्टवेयर और फोटोशॉप आदि को चलाने में मददगार है। आम यूजर्स के लिए इसका कोई खास फायदा नहीं है। 
बिल्ट इन मेमरी कंट्रोलर : 

  • इसका काम यूजर को यह बताने का है कि वह मेमरी का भरपूर इस्तेमाल कैसे करे। वेब सर्फिंग और ऑफिस ऐप्लिकेशंस यूज करने वालों को इसका कोई खास फायदा नहीं होता। सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट करने वालों को इससे फायदा होता है। ट्रिपल चैनल हालांकि मेमरी और प्रॉसेसर के बीच बेहतर स्पीड उपलब्ध कराता है, लेकिन यह थोड़ा महंगा है। 
टर्बो मोड : 

  • गेमिंग यूजर्स के लिए इसके काफी फायदे हैं। इसके अलावा वेब सर्फिंग और ऑफिस ऐप्लिकेशंस जैसे नॉर्मल ऐप्लिकेशंस का यूज करने वालों को भी इसका थोड़ा-बहुत फायदा होता है। 
ऑन चिप विडियो प्रॉसेसर : 

  • इस फीचर का मकसद कॉस्ट को कम करना होता है। 

फेसबुक को बनाएं सेफबुक

Posted By: Dharmendra Goyal - 2:46 pm
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। यह बात तब और सही साबित हो जाती है जब आप इंफर्मेशन के सबसे बड़े हाइवे यानी इंटरनेट पर हों। फिर चाहे बात फेसबुक

पर सोशल नेटवर्किंग की हो या फिर फुटबॉल वर्ल्ड कप की दीवानगी की। आज आपको बताएंगे कि फेसबुक पर सेफ और सिक्योर्ड कैसे रहें? हम आपको यह भी बताएंगे कि फुटबॉल के नाम पर ठगने की कोशिश में जुटे साइबर गुंडों को आप कैसे दिखा सकते हैं रेड कार्ड? पूरी जानकारी दे रहे हैं आशीष पांडे : 

फेसबुक पर ढक लो फेस 
आपके ऐसे कितने दोस्त हैं, जिनसे मिलते ही आप उन्हें अपना फैमिली अलबम दिखाने लगते हैं? या कितने पहचान वाले ऐसे हैं जिनके साथ आप पर्सनल या प्रफेशनल लाइफ के सीक्रेट शेयर करने लगते हैं? रीयल लाइफ में गिनेंगे तो इनकी तादाद काफी कम होगी, लेकिन वर्चुअल लाइफ में इसका एकदम उलटा हो रहा है। खासकर फेसबुक जैसी साइट पर दोस्त बनाने के मामले में हम दिल खोलकर फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करते हैं लेकिन भूल जाते हैं कि यहां हम अपनी तस्वीरों से लेकर कई निजी राज तक शेयर कर रहे हैं और कई ऐसे अनजान लोग भी हमारे दोस्त बन चुके हैं जिन्हें हम बस नाम या चेहरे से ही जानते हैं। 

दरअसल, फेसबुक पर कोई जानकार दोस्ती की रिक्वेस्ट भेजे तो उसे रिजेक्ट करना भी अजीब लगता है क्योंकि सोशल नेटवर्किंग की साइट में ऐसा करने का उलटा ही असर न हो जाए। फेसबुक में इस उलझन का हल है और कई प्राइवेसी टूल दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप कंट्रोल कर सकते हैं कि कौन आपकी तस्वीरें देखें, कौन आपके कॉमेंट्स पढ़े और किन लोगों तक आपके स्टेटस मेसेज पहुंचें। हालांकि कई यूजर्स इनसे वाकिफ हैं, फिर भी एक बड़ा वर्ग ऐसे यूजर्स का है जो इनके बारे में कम जानता है। 

सबसे पहले ऐसे टूल, जिनकी मदद से आप अपनी पोस्ट, फोटो, कॉमेंट्स, स्टेटस, दूसरों के कॉमेंट्स तक अपनी फ्रेंड लिस्ट में मौजूद कुछ लोगों से छिपा सकते हैं। ऐसा करने से आपको उन लोगों से प्राइवेसी मिलेगी, जिन्हें मजबूरी में आपने दोस्त तो बना लिया, लेकिन आप उनके साथ कुछ शेयर नहीं करना चाहते। इसके लिए अपने फेसबुक पेज के सबसे राइट में जाएं, जहां अकाउंट लिखा है। इस पर क्लिक करने पर कई ऑप्शन आते हैं। इनमें से प्राइवेसी सेटिंग का ऑप्शन चुनें। इस पर क्लिक करेंगे तो एक पेज आएगा, जिसमें लिखा होगा शेयरिंग ऑन फेसबुक। यहां आपके पास कई ऑप्शन हैं जिनकी मदद से आप तय कर सकते हैं कि फेसबुक पर आपके स्टेटस, पोस्ट, कॉमेंट व तमाम दूसरी जानकारी कौन-कौन देख सकता है - दोस्त, दोस्तों के दोस्त, हर कोई या अन्य। 

इसकी मदद से आप बेसिक प्राइवेसी कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन सारी जानकारी को कुछ खास दोस्तों के बीच भी सेंसर करना है, तो इस पर नीचे लेफ्ट की तरफ एक लिंक दिया है कस्टमाइज सेटिंग्स। इस पर क्लिक करें। इसके बाद आपके पास एक लंबी लिस्ट आ जाएगी, जिसमें वे सभी ऐक्टिविटी दी हैं जो आप करते है, मसलन स्टेटस, फोटो, कॉमेंट्स, फोटो टैगिंग और अन्य। अब आप यहां सेट कर सकते हैं कि कौन इसे देखे। मसलन आपकी पोस्ट को कौन देखे या कॉमेंट कर सके इसके लिए सेटिंग तय करते वक्त, फ्रेंड्स, फ्रेंड्स ऑफ फ्रेंड्स और एवरिवन के अलावा एक ऑप्शन मिलेगा कस्टमाइज सेटिंग, इस पर आप अपनी फ्रेंड लिस्ट में से किसी का भी नाम डालेंगे तो वह बैन हो जाएगा। यह सेटिंग आप अपनी किसी भी ऐक्टिविटी के लिए कर सकते हैं और मजबूरी में बना दोस्त आपका फेस भी फेसबुक में नहीं देख पाएगा। 

कुछ और काम की बातें 
फेसबुक पर कई ठग भी मौजूद हैं, जो आपकी पर्सनल जानकारी चुराकर उसका मिसयूज करना चाहते हैं। इनका फेवरिट तरीका होता है फेक प्रोफाइल बनाकर आप तक दोस्ती का हाथ बढ़ाना। ऐसे लोगों से बचने के लिए चौकस रहने की जरूरत है क्योंकि कई बार ये आपके दोस्तों के प्रोफाइल में जाकर उनकी फोटो चुराकर और बाकी डीटेल कॉपी कर उनके नाम से प्रोफाइल बना सकते हैं और आपको इनवाइट भेज सकते हैं। ऐसे में किसी दोस्त के प्रोफाइल पर थोड़ा भी शक है तो क्रॉस चेक कर लें। 

फेसबुक पर मौजूद हर प्रोफाइल गूगल सर्च किया जा सकता है और यह साइबर गुंडों को आप तक पहुंचने का आसान रास्ता देता है। इसे भी आप रोक सकते हैं। फेसबुक में ऐसा बटन दिया गया है जिसकी मदद से गूगल सर्च को रोका जा सकता है। इसके लिए प्राइवेसी कंट्रोल में जाकर फेसबुक सर्च रिजल्ट में जाकर ओनली फ्रेंड्स का ऑप्शन क्लिक कर दें। पब्लिक सर्च ऑप्शन को भी डी-सेलेक्ट करना न भूलें। 

जानकार आगाह करते हैं कि कभी अपनी पूरी डेट ऑफ बर्थ को प्रोफाइल में न डालें, बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड से जुड़े हैकर्स के लिए यह काम की साबित हो सकती है। आप प्रोफाइल पेज पर जाकर इंफो टैब में क्लिक करें। यहां एडिट इंफर्मेशन टूल की मदद से आप यह तय कर सकते हैं कि लोगों को सिर्फ दिन और महीना दिखे, जन्म का साल नहीं। 

फटबॉल के वायरस 
आईपीएल हो या फीफा वर्ल्ड कप, ऐसे बड़े मौके साइबर गुंडों के लिए बेहतरीन साबित होते हैं। दरअसल इन दिनों लोग खेल से जुड़े रोमांच में डूबकर ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए नेट एक्सेस करते हैं और हैकर्स उन्हें बेवकूफ बनाने के टूल तैयार कर लेते हैं। 

एंटी-वायरस कंपनी ट्रेंड माइक्रो ने आगाह किया है इस वक्त रिस्क काफी ज्यादा है इसलिए फीफा वर्ल्ड कप के नाम से आ रही जानकारी पर सचेत रहें। ट्रेंड माइक्रो के कंट्री मैनेजर (इंडिया एंड सार्क) अमित नाथ ने बताया कि फीफा के नाम से पहले स्पैम की पड़ताल पिछले साल 2009 से ही हो चुकी है। हमारे रिसर्चर ने अब आगाह किया है कि पीडीएफ फाइल वाला एक अटैचमेंट चल रहा है जिसमें लॉटरी जीतने का दावा किया गया है। इसमें लोगों से उनकी पर्सनल जानकारी मांगी जाती है। इसे फीफा के वाइस प्रेजिडेंट के नाम से भेजा जा रहा है जबकि यह फ्रॉड है। इसमें कहा गया है कि साउथ अफ्रीकन फुटबॉल असोसिएशन ने यह लॉटरी निकाली है। 

जानकार आगाह करते हैं कि और भी कई तरह के स्पैम अटैक हो रहे हैं। दरअसल लोग मैच के विडियो लिंक खोज रहे हैं और इसी के नाम पर फर्जी नाम से गेम कर रहे हैं। सिमेंटैक की एक रिसर्च के मुताबिक फीफा पर आधारित स्पैम में 27 फीसदी का जोरदार इजाफा हुआ है। कई साइट्स खिलाड़ियों और देशों की टी-शर्ट बेचने के नाम पर धोखा कर रही हैं। इनमें ऑर्डर लेने के दौरान आपसे जो डीटेल ली जाती हैं, वहां भरपूर सिक्युरिटी नहीं होती और इसे चुरा लिया जाता है। 

पता करें कि वेबसाइट के पास वेरीसाइन या किसी दूसरी एजेंसी का सिक्युरिटी सर्टिफिकेट है या नहीं। किसी भी ऐरी-गैरी साइट से तो शॉपिंग कभी न करें। इसके अलावा एक और वायरस फुटबॉल के नाम पर चल रहा है जिसमें एक्सेल शीट में वर्ल्ड कप का पूरा शिड्यूल दिया गया है। इसे क्लिक करने पर आपको शिड्यूल तो मिलता है लेकिन एक टेम्प फाइल आपके पीसी में घुस जाती है और हैकर को आपके कंप्यूटर का कंट्रोल दे देती है। इसलिए किसी भी गैरजानकार सोर्स से आ रही फुटबॉल से जुड़ी संदिग्ध मेल को इस्तेमाल न करने में ही समझदारी है।

क्या आपका कम्प्यूटर देरी से स्टार्ट होता है ?

Posted By: Dharmendra Goyal - 9:10 pm
अगर आपका कम्प्यूटर नॉर्मल स्टार्ट नहीं होता तो इसका मतलब है कि आपके पीसी के किसी सॉफ्टवेयर कॉम्पोनेंट या ड्राइवर में कुछ प्रॉब्लम है। इसके लिए आप अपने कम्प्यूटर को क्लीन बूट कर सकते हैं। इसके लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें : 
स्टेप 1 : 
  • पहले Start, फिर Run पर क्लिक करें। इसके बाद Msconfig टाइप करें और Ok पर क्लिक करें। 
  • System Configuration Utility लिखा आएगा। General टैब पर क्लिक करें। इसके बाद Load System Services लिखा आएगा। इस पर टिक लगाएं और ह्रद्म पर क्लिक करें। जब लिखा आए, तब कम्प्यूटर को री-स्टार्ट कर दें। 
स्टेप 2 : 
  • पहले Start, फिर Run पर क्लिक करें। इसके बाद Msconfig टाइप करें और Ok पर क्लिक करें। 
  • System Configuration Utility डायलॉग बॉक्स में जाकर General टैब पर क्लिक करें। इसके बाद Selective Start-up पर क्लिक करें। 
  • फिर Process SYSTEM.INI file पर टिक हटाएं। 
  • इसके बाद Process WIN.INI file पर टिक हटाएं। 
  • Load Startup Items पर टिक हटाएं। वेरिफाई कर लें कि Load System Services और Use Original BOOT.INI पर टिक लगा हो। 
  • Services टैब पर क्लिक करें। 
  • Hide All Microsoft Services को सिलेक्ट करें। इससे कंप्यूटर को चलाने वाली सभी जरूरी सविर्स छिप जाएंगी। सिर्फ वे दिखेंगी, जिनसे शायद आपका कम्प्यूटर स्लो चल रहा है। अगर आप Disabled All ऑप्शन को सिलेक्ट कर लेते हैं तो ये सभी सर्विस Disabled हो जाएंगी। अगर आप इनमें से किसी सर्विस की पहचान रखते हैं, जैसे एंटी वायरस स्कैनर, इस सर्विस को Disabled न करें। 
  • अब आप Ok को क्लिक करें। और कम्प्यूटर को री-स्टार्ट कर दें। कम्प्यूटर के स्टार्ट होने पर Don’t show this message or launch the system configuration utility when windows start लिखा आएगा।Ok को क्लिक करें।

सीडी ड्राइव का ड्राइव लेटर चेंज करना

Posted By: Dharmendra Goyal - 9:16 pm
ड्राइव लैटर चेंज करने के लिए यह रूट फॉलो करें :
  • स्टार्ट
  • कंट्रोल पैनल
  • ऐडमिनिस्ट्रेटिव टूल्स
  • कंप्यूटर मैनेजमेंट
  • डिस्क मैनेजमेंट
  • इसके बाद उस पार्टिशन पर राइट क्लिक करें, जिसका नाम आप चेंज करना चाहते हैं। 
  • इसके बाद 'चेंज ड्राइव लेटर और पाथ' चुनें। 
यहां आप पार्टिशन से अपने ड्राइव लेटर को ऐड, रिमूव और चेंज कर सकते हैं।

इंटेल करेगा स्मार्टफोन पेश

Posted By: Dharmendra Goyal - 10:58 pm
कंप्यूटर चिप बनाने वाली मशहूर कंपनी इंटेल कॉपरेरेशन अगले साल स्मार्टफोन के बाजार में उतरेगी। इसके लिए इंटेल ने मूर्सटाउन नाम की खास चिप बनाई है। फिलहाल दुनियाभर में बिकने वाले ज्यादातर लैपटॉप और डेस्कटॉप पीसी में इंटेल के बनाए चिप का ही इस्तेमाल हो रहा है। 

एक वेबसाइट के अनुसार, इंटेल की मूर्सटाउन चिप मोबाइल में बैटरी की खपत को कम करेगी। मल्टीटास्किंग की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्मार्टफोन की प्रोसेसिंग पावर भी ज्यादा होगी। मोबाइल बाजार में मोटोरोला और एचटीसी जैसी कंपनियां ब्रिटिश कंपनी आर्म की चिप इस्तेमाल कर रही हैं।  इंटेल की नई चिप नोकिया फोन के आने वाले मॉडल्स में इस्तेमाल होगी।

माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक पर फेसबुक

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:58 pm
सोशल नेटवर्किग साईट फेसबुक की बढती लोकप्रियता को देखते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने आउटलुक पर फेसबुक को शामिल कर लिया है। इस लोकप्रिय ईमेल प्रोग्राम पर फेसबुक यूजर्स स्टेटस अपडेट, फोटो और मित्रों द्वारा भेजे गए वॉल पोस्ट को देख सकेंगे। माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक पर 'पीपल पेन' नामक बॉक्स में अब यूजर्स फेसबुक फ्रेंड्स की प्रोफाइल फोटो और गतिविघियों को देख सकेंगे। 

माइक्रोसाफ्ट ऑफिस के प्रोडक्ट मेनेजर पेको कॉन्ट्रेरास ने एक ब्लॉग पोस्ट पर बताया कि आउटलुक पर जिस तरह आप मित्रों या अन्य लोगों के ईमेल पढते समय उनसे जुडे रह सकते हैं उसी तरह आप सोशल नेटवर्क भी देख सकते हैं। 

उन्होंने बताया कि माइक्रोसाफ्ट ने फरवरी में दो अन्य सोशल नेटवक माई स्पेस और लिंक्डइन को आउटलुक के साथ जोडा है जिसे आउटलुक सोशल कनेक्टर के नाम से जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि 2003 और 2007 के आउटलुक यूजर्स माइक्रोसॉफ्ट डाउनलोड सेंटर से आउटलुक सोशल क नेक्टर के नए संस्करण को डाउनलोड कर सकते हैं जबकि 2010 के आउटलुक यूजर्स इसे माइक्रोसॉफ्ट अपडेट से प्राप्त कर सकतें है।

जीमेल में जोड़ें सिग्नेचर लोगो

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:47 pm

अगर आप गूगल की ई-मेल सर्विस, यानी जीमेल का इस्तेमाल करते हैं तो आप इसमें अपने सिग्नेचर के साथ लोगो भी जोड़ सकेंगे। अभी तक जीमेल में सिर्फ सादे टेक्स्ट सिग्नेचर ही मंजूर किए जाते थे।
सिग्नेचर के फांट साइज, कलर को बदला नहीं जा सकता था। मौजूदा व्यवस्था में सिग्नेचर के साथ तस्वीर या कोई और लिंक को जोड़ने की भी सुविधा नहीं थी। अब जीमेल के सेटिंग्स पर जाकर आप अपना सिग्नेचर बना सकते हैं।
गूगल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मार्क निकेल ने बताया कि जीमेल का लेटेस्ट डेस्कटॉप वर्जन ही इस नए सिग्नेचर को सपोर्ट करेगा।
पुराने एचटीएमएल वर्जन,मोबाइल जीमेल आदि में सिर्फ सादे सिग्नेचर ही चलेंगे।

How to add Signature Logo :

Step 1Insert text to signature
-    Sign in Gmail.
-    Select Settings at the top right of Gmail page.
-    Under the General tab, select Signature heading.
-    Click on the button next to the box.
-    Type you desired text to make signature.
-    Choose Save Changes.
Step 2Insert picture, logo or link to your Gmail signature
It’s not lucky for us that Gmail doesn’t support inserting html code, graphics, or rich text format into the signature. If you still want to put a picture to your signature, you can follow this way. You copy the picture on the internet by right-click on the picture, click copy and paste into the email, you have to do this every time you send an email. Otherwise, you can save a draft with a picture signature, and every time you want to create an email, you will compose on the saved draft.

दुनिया का पहला डबल टच स्क्रीन लैपटॉप

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:51 pm
जापानी कंपनी तोशिबा ने दुनिया का पहला डबल टच स्क्रीन लैपटॉप पेश किया है। विंडोज 7 प्लेटफार्म पर चलने वाले इस लैपटॉप में कोई की-पैड नहीं है। सब कुछ टचस्क्रीन से ही ऑपरेट करना होगा। वाई-फाई, ब्लू टूथ और 3जी वर्जन के साथ इस लैपटॉप मे वचरुअल की-बोर्ड है। आप अपने मोबाइल फोन नेटवर्क के जरिए भी इस पर इंटरनेट सर्फिग कर सकते हैं।

कीमत है 1400 डॉलर भारतीय मुद्रा में करीब 64,645 रु.।

माउस का काम करेंगी उंगलियां

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:44 pm
कंप्यूटर के कर्सर मूवमेंट के लिए आपको माउस की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इसके लिए ऐसे माउस का इंतजाम किया है,जो दिखाई नहीं देता। असल में कंप्यूटर मॉनिटर के बगल में इन्फ्रारेड ट्रैकिंग कैमरा लगा रखा है। 

यह लेजर किरणों की मदद से हाथ और उंगलियों की हरकत पर नजर रखता है। कैमरा इसे समझकर कर्जर के रूप में स्क्रीन पर डिस्प्ले करता है। यह कैमरा टेबल की सतह पर नजर रखता है। इस पर घूमती उंगलियों के इशारे को समझकर ही यह कर्सर को स्क्रीन पर घुमाता है। यह कैमरा क्लिक और डबल क्लिक को भी अच्छी तरह से पढ़ सकता है

यूएसबी पोर्ट पर नकली ड्राइव

Posted By: Dharmendra Goyal - 12:51 pm
आपके कंप्यूटर के यूएसबी पोर्ट पर नकली ड्राइव लगाकर कोई डाटा चोरी कर सकता है। यहां तक कि ऐसे ड्राइव की मदद से हार्डवेयर ट्रोजन वायरस भी डाले जा सकते हैं, जो कंप्यूटर को मिनटों में क्रैश कर सकता है।
किंग्सटन स्थित रॉयल मिलिटरी कॉलेज के कंप्यूटर इंजीनियरों ने पहली बार इसका पता लगाया है। उनका कहना है कि ऐसा कोई नकली ड्राइव लगाए जाने पर भी कंप्यूटर उसे पहचान नहीं पाएगा, क्योंकि यूएसबी प्रोटोकॉल में इसके लिए कोई तरीका ही नहीं सुझाया गया है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से यूएसबी संचालित माउस या की-बोर्ड के मेक और मॉडल का पता लगाकर नकली डिवाइस बनाई जा सकती है।

यह भी रखें ध्यान

Posted By: Dharmendra Goyal - 1:58 pm
अगर आपके जीमेल अकाउंट को किसी ने आपकी जानकारी के बगैर खोला है और ई-मेल भेजा है, तो अब आप इसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं। जीमेल का यह नया फीचर अब आपको बता पाएगा कि आपका अकाउंट कहां से और कब खोला गया था? 

हालांकि, यह फीचर जीमेल में पहले से ही मौजूद था, लेकिन यूजर्स की नजर इस पर कम ही पड़ती थी। इसलिए हाल ही गूगल ने यूजर्स की तरफ इसका ध्यान आकर्षित करने के लिए इस जानकारी को बैनर के रूप में देने का फैसला किया है। 

और भी है सिक्योरिटी ऑप्शन: यदि आप जीमेल अकाउंट मेंटेन कर रहें हैं, तो कुछ ही समय में आप अपने इनबॉक्स के ऊपर यह जानकारी बैनर के रूप में देख पाएंगे। यह फीचर आपको यह भी बताएगा कि अकाउंट खोलने के लिए किस ब्राउजर और आईपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया है। 

इसके अलावा गूगल के अन्य सिक्योरिटी फीचर भी लगातार एक्टिव रहेंगे। गूगल की ओर से दी गई इन सुविधाओं का एक मकसद तेजी से लोकप्रिय हो रही सोशल नेटवर्किग से मुकाबले का है, तो दूसरा अपने यूजर्स को फ्रॉड से बचाने का। 

पता चलेगा कहां खुला अकाउंट: आईटी एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इससे निश्चित ही गूगल के यूजर्स की संख्या में इजाफा होगा। साथ ही इसका फायदा यूजर और कंपनी दोनों को ही मिलेगा। एक्सपर्ट्स ने बताया कि यदि आप हर रोज एक ही देश से अकाउंट एक्सेस करते हैं। कभी भी,किसी भी जगह से अकाउंट खोला जाता है और किसी दूसरे द्वारा उसमें बदलाव किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में जीमेल आपके अकाउंट विंडो में एक वॉर्निग मैसेज शो करेगा। इससे यूजर को यह आसानी से पता चल जाएगा कि उनका अकाउंट कहीं हैक हो रहा है। इसके साथ ही डिटेल्स ऑप्शन पर क्लिक करने के साथ ही यूजर जान सकेंगे कि कौनसा आईपी एड्रेस अकाउंट खोलने के लिए यूज किया गया था। 

यह भी रखें ध्यान : गूगल के इस फीचर के साथ-साथ यूजर्स को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने ई-मेल चेक करने के बाद लॉगआउट करें और थोड़े -थोड़े समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहें। इसके साथ ही ऐसा पासवर्ड यूज करें, जिसे आसानी से जाना न जा सके। इस तरह की सावधानियां बरतकर यूजर्स अपने अकाउंट को सुरक्षित रख सकते हैं।

जी-मेल हैक? ऐसे लगाएं पता

Posted By: Dharmendra Goyal - 1:54 pm
अगर आप जी-मेल अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो हैकिंग से बचने के लिए आपको अपनी लॉग-इन एक्टिविटीज याद रखनी चाहिए। यदि नहीं है, तो जी-मेल खोलकर पेज के सबसे आखिर में देखें। वहां पिछले एक्सेस का समय और तारीख होगी। साथ ही आईपी एड्रेस और डाटा का भी जिक्र होगा। उस आईपी एड्रेस से आप हैकर का लोकेशन भी जान सकते हैं। 
जी-मेल एक्सेस करने के बाद आपको लॉग-इन टाइम और तारीख याद रखनी चाहिए। इससे भी हैकिंग का पता लगाया जा सकता है। अगर आप घर और दफ्तर दोनों जगह लॉग-इन हैं तो इसका भी पता लगाया जा सकता है। हैक की आशंका पर पासवर्ड फौरन बदल देना चाहिए।

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